पंजाब के अमृतसर में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस गिरफ्तारी के विरोध में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर तलवार और बंदूक लेकर हमला कर दिया, जिसमें एक डीएसपी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुआ यह बवाल शाम छह बजे तक चला.
‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते.अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं.
गुरुवार की सुबह 10.30 बजे अमृतपाल सिंह ने सैकड़ों समर्थकों के साथ अमृतसर में अपने पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा से अजनाला की ओर विरोध मार्च शुरू किया. अमृतपाल के साथ पंज प्यारों के अलावा एक गुरु ग्रंथ साहिब भी चले. अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों से बड़ी संख्या में अजनाला पहुंचने की अपील की. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आकर अमृतपाल ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि पुलिस ने उनके कई समर्थकों को जगह-जगह पर रोका है.
इसके बाद दोपहर 12.30 बजे प्रदर्शनकारी अजनाला पहुंचे, जहां थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर लगे बैरीकेडिंग के पास मौजूद पुलिस से भिड़ गए. पुलिस ने बैरीकेडिंग न तोड़ने की अपील की, लेकिन लोगों ने नहीं सुना. अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने बैरीकेडिंग हटा दी. इसके बाद पुलिस ने जगह छोड़ दी.
दोपहर 1 से 1:15 बजे अमृतपाल सिंह और उनके समर्थक अजनाला थाने पहुंचे. जहां पुलिस से झड़प हो गई. इस दौरान हुए बवाल में एक डीएसपी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए. यहां प्रदर्शनकारियों ने प्रार्थना शुरू कर दी. शाम 5:30 बजे अमृतपाल सिंह और अजनाला पुलिस के बीच बैठक हुई. पुलिस अमृतपाल सिंह द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर लवप्रीत तूफान को रिहा करने के लिए सहमत हो गई.
इसके बाद शाम 6 बजे पुलिस के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी थाने से चले गए और पास के गुरुद्वारे में प्रवेश कर गए. प्रदर्शनकारियों ने फैसला किया है कि वे लवप्रीत तूफान के रिहा होने तक गुरुद्वारे में रहेंगे.
विरोध-प्रदर्शन के बाद बैकफुट पर आ गई पुलिस, जांच के लिए SIT का गठन
अमृतपाल सिंह के समर्थकों की अमृतसर में पुलिस से झड़प हुई और भारी बवाल हुआ. इस घटना के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई है. इस मामले में अमृतसर के एसएसपी ने कहा कि है कि अमृतपाल ने सबूत दिए हैं, उससे पता चला है कि लवप्रीत उर्फ तूफान सिंह दोषी नही है, कल लवप्रीत को रिहा किया जाएगा. इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है.
‘इंदिरा गांधी को चुकानी पड़ी थी खालिस्तान का विरोध करने की कीमत’
इस बवाल के बीच अमृतपाल सिंह ने कहा है कि हम खालिस्तान के मामले को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते. अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं.
इस मामले में पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी को हिरासत में लिया था
रूपनगर जिले के चमकौर साहिब निवासी वरिंदर सिंह को कथित रूप से अगवा करने और पिटाई करने के आरोप में पुलिस ने अमृतपाल सिंह और समर्थकों पर केस दर्ज किया था. इस मामले में पुलिस ने अमृतपाल के करीबी को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी.
इसके बाद गुरुवार को तलवारें व अन्य हथियार लेकर अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में समर्थक अजनाला पुलिस थाने पहुंच गए. इस दौरान समर्थकों ने बैरीकेड्स तोड़ दिए और परिसर में धरना शुरू कर दिया था. इसी दौरान पुलिस से झड़प हो गई.
ब्रिटेन की लड़की से अमृतपाल ने 10 फरवरी को की थी शादी
अमृतपाल सिंह पंजाब के अमृतसर के पास जल्लूपुर खेड़ा गांव का निवासी है. अमृतपाल सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि वह युवाओं को संगठन से जोड़ने के लिए भड़काऊ बयान देता है. अमृतपाल ने 10 फरवरी को पैतृक गांव में एक समारोह में ब्रिटेन की एनआरआई लड़की किरणदीप कौर से शादी की.
पंजाब के अमृतसर में बाबा बकाला के एक गुरुद्वारे में ‘आनंद कारज’ में दोनों पक्षों के परिवार शामिल हुए थे. बताया जा रहा है कि किरणदीप का परिवार मूल रूप से जालंधर के कुलारां गांव का रहने वाला है. कुछ समय पूर्व किरणदीप का परिवार इंग्लैंड में जाकर बस गया था. इस घटना के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा कि सिर्फ एक राजनीतिक मकसद से FIR दर्ज की गई. उन्हें लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, इसलिए ये शक्ति प्रदर्शन जरूरी था.